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नवगीत : गाँव हवे
तरिया-नरवा, घाट-घटौदा, सुग्घर बर के छाँव हवे हाँसत-कुलकत दिखथे मनखे अइसन सुग्घर गाँव हवे। खेत-खार हे...नवगीत छत्तीसगढ़ी
जावन दे तैं घर छोड़ दे नोनी अब तो मोला जावन दे तैं घर। छेरी-पटरू लुलवावत...मोला मइके देखे के साध लागय : रामरतन सारथी
मोला मइके देखे के साध लागय … लुगरा ले दे, धनी मोर बर लुगरा ले दे...